सरदार वल्लभभाई पटेल पर 10 पंक्तियाँ

भारत के लौहपुरुष के नाम से जाने जाने वाले Sardar Vallabhbhai patel वो बुजुर्ग थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भारत की आजादी तक के संघर्षों को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। जिन्होंने अपनी सोच-भोज और चतुराई से बिखरे हुए भारत के देसी रियासतों को एकत्रित कर आधुनिक भारत का स्वरूप दिया।

  • सरदार वल्लभभाई पटेल जी का जन्म गुजरात के नडियाद शहर में 31 अक्टूबर 1875 को एक कृषक के घर हुआ।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल जी के पिता का नाम झवेर भाई पटेल तथा माता का नाम लाडवा देवी था।
  • सा सरदार वल्लभभाई को भारत का लौह पुरुस भी कहा जाता है, यह उपाधि उन्हें महात्मा गांधी ने दिया था।
  • वल्लभ भाई पटेल एक कृषक परिवार से थें और वह अपने माता-पिता के चौथी व सबसे छोटे संतान थे।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल जी स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।
  • इन्होंने 200 वर्षों की गुलामी में फंसे देश को के अलग-अलग राज्यों को संगठित किया और 562 रियासतों को भारत में विलय विलय कर आधुनिक भारत का मूर्त रूप दिय।
  • 22 वर्षों की उम्र में इन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की और कई सालों तक घर वालों से दूर रहकर वकालत की पढ़ाई की।
  • इन्होंने गांधीजी के विचारों से प्रेरित होकर इन्होंने सामाजिक बुराई के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाएं और अपने भाषण से लोगों को एकत्र किया और धीरे-धीरे राजनीति का हिस्सा बन गया।
  • वर्ष 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। इस सत्याग्रह के सफलता के कारण वल्लभभाई पटेल पुरे देश में प्रसिद्ध हो गए।
  • बारडोली सत्याग्रह के सफलता के कारण वहां लोगों ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी और जब से इन्हें सरदार वल्लभभाई कहा जाने लगा।

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