राजेंद्रनाथ लाहिड़ी पर 10 पंक्तियाँ : Rajendra Nath Lahiri

Rajendra Nath Lahiri : भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से एक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी का जन्म 29 जून 1901 को बंगाल के पाबना जिला में हुआ था। काकोरी रेलवे लुट कांड व दक्षिणेश्वर बम फैक्ट्री काण्ड आदि मामलों में इन्हें गिरफ्तार कर गोंडा जेल में रखा गया।

राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को फांसी के तारीख से पूर्व ही 17 दिसंबर 1927 को ही फांसी दे दी गई, बंदेमातरम् के जयघोष के हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए।

इनके आदर्श वाक्य : “मै मर नहीं रहा बाकि स्वतंत्र भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूँ”।

  • राजेंद्रनाथ लाहिड़ी का जन्म 29 जून 1901 को बंगाल के पाबना जिला में हुआ था।
  • पिता का नाम क्षिति मोहन शर्मा व माता का नाम बसंती कुमारीवी था।
  • अपने साथियों के साथ मिलकर 1925 को अंग्रेजी सरकार का खजाना लुटा जिसे काकोरी रेलवे लुट कांड कहा जाता है।
  • राजेंद्र नाथ लाहिड़ी का संबंध हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएश से रहा ।
  • दक्षिणेश्वर बम फैक्ट्री काण्ड में पकड़े गए और इस मामले में 10 वर्ष की सजा दी गई।
  • राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को गिरफ्तार कर उन्हें फांसी की सजा दी गई।
  • राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को गोंडा कारागार में रखा गया था।
  • फांसी की सजा से दो दिन पूर्व 17 दिसंबर 1927 को ही फांसी दे दी गई।
  • आदर्श वाक्य : मै मर नहीं रहा बाकि स्वतंत्र भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूँ।
  • राजेंद्र नाथ लाहिड़ी अपना समय अध्यन व व्यायाम में व्यतीत करते थें।

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