मन्मथनाथ गुप्त पर 10 पंक्तियाँ : Manmathnath Gupt

Manmath Nath Gupt : सबसे कम उम्र के क्रांतिकारियों में से एक मन्मथनाथ गुप्त का जन्म 7 फरवरी 1908 ई को वाराणसी में हुआ। मात्र 13 वर्ष की आयु में ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए और कई बार जेल भी गए।

मन्मथनाथ 1925 के काकोरी कांड में भी भाग लिया उसे समय या मात्र केवल 17 वर्ष के थे। इस घटना के कारण, मन्मथानाथ गुप्त को कम आयु के कारण 14 वर्ष के कारावास की सजा दी गई जबकि अन्य 4 को फांसी दी गई।

  • मन्मथनाथ गुप्त का जन्म 7 फरवरी 1908 ई को वाराणसी में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम वीरेश्वर गुप्त था जो नेपाल के विराटनगर में प्रधान्यापक थें।
  • इन्होंने हिंदी, अंग्रेजी तथा बंगाल में आत्मकथात्मक ऐतिहासिक एवं गलत साहित्य की रचना की।
  • यह मात्र 13 वर्ष की आयु में ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए और कई बार जेल भी गए।
  • मन्मथनाथ गुप्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी तथा सिद्धहस्त लेखक थे।
  • इन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य भी बने। मन्मथनाथ 1925 के काकोरी कांड में भी भाग लिया उसे समय या मात्र केवल 17 वर्ष के थे।
  • काकोरी कांड घटना के कारण, मन्मथानाथ गुप्त को कम आयु के कारण 14 वर्ष के कारावास की सजा दी गई जबकि अन्य 4 को फांसी दी गई।
  • जेल से छूट के आने के बाद फिर से क्रांतिकारी लेख लिखने लगे जिस कारण फिर से उन्हें जिल भेज दिया गया और भारत के स्वतंत्र होने से 1 वर्ष पूर्व अर्थात 1946 तक जेल में रहे।
  • मन्मथनाथ गुप्त की मृत्यु वह 26 अक्टूबर 2000 ई को नई दिल्ली में हुआ।
  • इनके प्रमुख चर्चित पुस्तकों में से हैं – भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का इतिहास, भगत सिंह एंड हीज टाइम्स, आधी रात के अतिथि, कांग्रेस के 100 वर्ष, दिनदहाड़े, सर पर कफन बांधकर, तोडम फोरम, शहादत नामा।

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