Arvind Ghosh : 15 अगस्त 1872 को कोलकाता में एक मानक बंगाली परिवार में जन्मे अरविंद घोष, आधुनिक काल में भारत में अनेक महान क्रांतिकारी और योगी हुए। अरविन्द घोष उनमें अद्वितीय अरविंद घोष भारतीय राष्ट्रवादी थे। उन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से सार्वभौमिक मोक्ष का दर्शन प्रतिपादित किया। आइए अरविन्द घोष के बारे में 10 लाइन्स विस्तार से जानते हैं।
अरबिंद घोष पर 10 पंक्तियाँ
- अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त 1872 को कोलकाता में एक मानक बंगाली परिवार में हुआ।
- उनके पिता का नाम डॉक्टर कृष्णधन घोष था व उनकी माता का नाम स्वर्णालता देवी था। उनके माता-पिता उनकी परवरी से यूरोपीय तरीके से करना चाहते थे।
- उनकी स्कूली शिक्षा लोरेटो हाउस, दार्जिलिंग से प्रारंभ हुई और आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया।
- अरविन्द घोष ने किंग्स कॉलेज कैंब्रिज, इंग्लैंड में भारतीय सिविल सेवा के लिए अध्ययन किया।
- उन्होंने ग्रीक, फ्रेंच, इतालवी, जर्मन, लैटिन और स्पेनिश जैसी विभिन्न विदेशी भाषाएं सीखी थी।
- उन्होंने पृथ्वी जीवन के दिव्य दर्शन को प्रतिपादित किया। पश्चिमी दार्शनिक संस्कृति के लिए भी एक आकर्षक विकसित किया।
- उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- एक बार अरविंद उग्रवादी आंदोलन में शामिल हो गए जहां उन्होंने साप्ताहिक पत्रिका ‘युगांतर’ का संपादन किया।
- अरविन्द घोष ने अनुशीलन समिति नामक के संगठन के संस्थापक थे।
- घोष की मृत्यु 5 दिसंबर 1950 का पांडिचेरी में हो गया।
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