पुर्तगालियों का भारत आगमन : Purtgaliyo Ka Bharat Aagaman
Purtgaliyo Ka Bharat Aagaman : वास्कोडिगामा 17 मई 1498 ई० में भारत के कालीकट नामक स्थान पर कप्पकडाबु नामक बंदरगाह पर पहुँचा, तो वहाँ के …
इस सामान्य ज्ञान खंड में विविध विषयों जैसे विज्ञान, भूगोल, राजनीतिक विषय आदि के रोचक तथ्यों और महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी दी गई है जो आपकी ज्ञान वृद्धि में सहायक होगी।
Purtgaliyo Ka Bharat Aagaman : वास्कोडिगामा 17 मई 1498 ई० में भारत के कालीकट नामक स्थान पर कप्पकडाबु नामक बंदरगाह पर पहुँचा, तो वहाँ के …
भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन के ना केवल व्यापारिक वल्कि कई अन्य उद्देश्य भी थी जिसे पूरा करने के लिए भारत आना उनकी व्यवस्ता …
औरंगजेब शासनकाल के दौरान उसके तीनों पुत्रों मुअज्जम काबुल का, आजम गुजरात का व कामबख्श बीजापुर का सूबेदार था लेकिन औरंगजेब के मृत्यु के बाद …
राष्ट्रकूट वंश (Rashtrakuta vansh) की स्थापना दन्तिदुर्ग ने 735 ई० में किया और 982 ई० तक शासन किया इन्होने अपनी राजधानी मान्यखेट या मनिकर को …
पल्लव वंश (pallav vansh) की स्थापना सिहविष्णु ने 575 ई० में किया और 600 ई० तक शासन किया। पल्लवों की राजधानी काँची थी। शासक शासनकाल …
Sangam Sahitya : संगम एक संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है सभा जोकि तमिल विद्वान कवियों की एक सभा थी। जहाँ …
चेर वंश (cher vansh) का प्रतीक धनुस था इसका प्रथम उल्लेख ऐतरेय ब्राहमण में मिलाता है इसके अलावे रामायण, महाभारत, संगमकालीन साहित्य, अशोक के शिलालेख …
पाण्ड्य वंश (pandya vansh) के बारे प्रथम उल्लेख पाणिनि द्वारा रचित अष्टाध्यायी नामक ग्रन्थ से मिलाता है। यह ग्रन्थ व्याकरण के आधारित एक ग्रन्थ है। …
Chol vansh : चोल साम्राज्य का विस्तार उत्तर में पेन्नार नदी से लेकर दक्षिण में कावेरी नदी के बीच स्थित था। इस पुरे क्षेत्र को …
Vardhan Vansh : 6ठी शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत में कई नए राजवंशो का उदय हुआ, जिसमे मैत्रक, मौखरी, गौढ़ और …