आदिलशाही वंश बीजापुर

बहमनी साम्रज्य के दौरान बीजापु के सुवेदार रहे “युफुफ़ खां ने 1489-90 ई० में स्वतंत्रता की घोषणा कर “आदिलशाही वंश” की स्थापना की, यह स्वयं को तुर्की सुलतान का वंशज मनाता था।

आदिलशाही वंश

इस वंश के शासकों ने फारसी की जगह हिन्दिवी (दक्कनी उर्दू) को राजभाषा के रूप में अपनाया। युसूफ आदिल खां एक शिया मुसलमान था जिसने अन्य धर्मों, कला व साहित्य को भी संरक्षण दिया। इन्होने ने 1510 ई० में पुर्तगालियों से गोवा छिना।

इब्राहीम आदिलशाह

यह बीजापुर के शासकों में पहला शासक था जिसने “शाह” की उपाधि धारण किया। इसने हिन्दुओं को भी राजकीय पदों पर नियुक्त किया।

अली आदिलशाह

“सूफी” के रूप में जाना जाने वाला अली आदिलशाह का विवाह अहमदनगर के “चाँद बीबी” से हुआ था।

इसी विजयनगर शासक “रामराय” अपने पुत्र के सामान समझता था पर फिर भी यह विजयनगर के विरुद्ध बनाए गए मुस्लिम राज्यों के संगठन में बनाने ने इसी का हाथ था।

इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय

यह 9 वर्ष की उम्र में ही शासक बना था। अल्पायु होने के कारण शुरुआत के वर्षो में चाँद बीबी बीजापुर की वास्तविक शासिका रही।

इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय ने “नौरसपुर” नामक नगर बसाकर उसे अपनी राजधानी बनया।

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एक विद्वान और उदार शासक था। इसके उदार दृष्टिकोण के कारण इसे “जगत गुरु” कहा जाता था। गरीबो की सहायता करने के कारण इसे “अबलाबाबा” व “गरीबों का मित्र” कहा जाता था।

अपने गीतों में विद्या व संगीत की देवी माता सरस्वती का आवाहन किया।

इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का मकबरा ‘इब्राहीम रोज’ का निर्माण स्वयं ही करबाया यानि अपने मकबरे को इन्होने खुद ही बनबाया और इसी मकबरे में इसकी पत्नी “ताज सुल्तान” को भी दफ़न किया गया।

मुहम्मद अली आदिलशाह द्वितीय

इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का पुत्र व उतराधिकारी मुहम्मद अली ने 1636 शाहजहाँ से संधि कर मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली।

मुहम्मद अली आदिलशाह द्वितीय के मकबरे को ही “गोल गुम्बज” के नाम से जाना जाता है।

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बीजापुर के शासक “सिकंदर आदिलशाह” के शासनकाल में वर्ष 1686 ई० में औरंगजेब में “बीजापुर” को पूरी तरह से मुग़ल साम्राज्य में मिला।

FAQ :

आदिलशाही वंश की स्थापना किसने किया?

बहमनी साम्रज्य के दौरान बीजापु के सुवेदार रहे “युफुफ़ खां ने 1489-90 ई० में स्वतंत्रता की घोषणा कर “आदिलशाही वंश” की स्थापना की, यह स्वयं को तुर्की सुलतान का वंशज मनाता था।

कर्नाटक के गोल गुम्बज में किसका मकबरा है?

मुहम्मद अली आदिलशाह द्वितीय के मकबरे को ही “गोल गुम्बज” के नाम से जाना जाता है।

आदिलशाही वंश का अंतिम शासक कौन था?

बीजापुर के शासक “सिकंदर आदिलशाह” के शासनकाल में वर्ष 1686 ई० में औरंगजेब में “बीजापुर” को पूरी तरह से मुग़ल साम्राज्य में मिला।

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