शंकराचार्य का जीवन परिचय : Shankaracharya

Shankaracharya : शंकराचार्य अर्थात शंकर के मार्ग के शिक्षक एक धार्मिक उपाधि है जिक्सा उपयोग चार प्रमुख मठों या पीठों के प्रमुखों के द्वारा किया जाता है, इन मठों के बारे में ये माना जाता है कि इसे 788 से 820 के बीच आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया था।

इन चार मठों में गुजरात में द्वारा मठ, उत्तराखंड का जोशीमठ, ओडिशा का पूरी मैथ और कर्नाटक के श्रेंगेरी मठ शामिल हैं।

इन मठों की स्थपाना 8वीं के अंत और 9वीं शताब्दी के प्रारंभ की गई पर 14 शताब्दी मठों के बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं मिलती।

Shankaracharya

आदि शंकराचार्य 8वीं शताब्दी के भारतीय दार्शनिक और धर्मशास्त्री थे, जिनके बारे में कहा जाता है की इनका जन्म केरल के कलाड़ी नामक गाँव में हुआ था।

गोविन्दाचार्य इनके गुरु थे जिनसे अध्ययन आरंभ करने के बाद शंकराचार्य ने बड़े पैमाने पर यात्र की, दार्शनिक परम्पराओं को चुनौती दी और मठों को स्थापित किया।

योगदान

वास्तविकता की अद्वैतवादी प्रकृति को समझाने के लिए एक रूप रेखा प्रदान की। उपनिषदों, ब्रह्मसूत्र और भगवत गीता पर टिप्पणियों सहित 116 कृतियाँ लिखी तथा भगवन के प्रति भक्ति और समर्पण के महत्त्व पर बल दिया, जिससे भक्ति आन्दोलन का मार्ग प्रशस्त्र हुआ।

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