समय का महत्त्व पर निबंध (samay ka mahatva)

सभी लोग इस बात को मानते हैं कि समय की कीमत बहुत है। मानते सभी हैं किंतु कितने लोग हैं जो अपने जीवन में इसका अनुसरण भी करते हैं। समय की कीमत समझना और उसके अनुसार आचरण करना दोनों अलग-अलग बातें हैं।

समय का महत्त्व (samay ka mahatva)

सच्चे अर्थों में समय की कीमत वही समझते हैं जो उनका सदुपयोग करते हैं। ऐसे व्यक्ति विरले ही होते हैं हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या नगण्य है हमारे देश में समय का ज्ञान विरले लोगों में ही है। शायद लाखों में से एक व्यक्ति मिल जाए जो समय का सदुपयोग करते हो।

वैज्ञानिकों के सन्दर्भ में

जो वैज्ञानिक है बे जरूर अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं वे तीन रात अपनी प्रयोगशाला में जुटे रहते हैं उनके पास समय का बिल्कुल अभाव रहता है। जो पढ़े लिखे हैं वह भी समय का सदुपयोग नहीं करते समय का सदुपयोग का अर्थ है कि हम एक क्षण भी बर्बाद ना करें। राष्ट्रीय एकता पर निबंध

समय की बर्बादी

हम में से कितने लोग हैं जो बेकार के बहस में अपना समय बर्बाद नहीं करते कोई कपड़ों में अपना समय बीतता है। कोई टीवी देख कर अपना समय गवाँते हैं। हम कोई ना कोई काम करते रहे यह बहुत मुश्किल काम है, काम करने के बाद आराम करना भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है किंतु यदि शरीर के आराम की आवश्यकता नहीं है। यदि तब भी हम मनोरंजन में अपना बहुमूल्य समय व्यतीत करते हैं तो यह समय का सदुपयोग नहीं खा जा सकता। 

नेताओं के सन्दर्भ में

हमारे देश के नेताओं में जिस प्रकार चरित्र का अभाव है उसी तरह उन में समय का ज्ञान नहीं है। इनको कोई काम नियत समय पर नहीं होते वह अपना भी समय बर्बाद करते हैं और दूसरों का भी यदि किसी मीटिंग में किसी नेता को आना है तो वह घंटे देर से पहुंचेंगे और लोग उनके इंतजार में अपना भी समय बर्बाद करते हैं क्योंकि इंतजार करने वाले स्वयं समय के के ज्ञान से रहित हैं।

गाँधी जी

महात्मा गांधी में समय का ज्ञान कूट-कूट कर भरा था क्योंकि वह एक आदर्श व्यक्ति थे और उनकी शिक्षा कैसे देश में हुई थी। जहां साधारण से साधारण व्यक्ति भी समय का ज्ञान रखते हैं क्योंकि यह गुण हमारे देश के लोगों में या नेताओं में नहीं पाया जाता है। अतः यह साधारण गुण भी असाधारण बन गया है।

आज किसी भी कार्यालय में जाइए लोग अपनी मेज पर नहीं मिलेंगे वे लोगों से गप्पे करने में तल्लीन पाए जाएंगे। इनमें समय का ज्ञान बिल्कुल नहीं है। आजादी के बाद जिस तरह से और जिस गति से चरित्र का हर्ष हुआ है उसी गति से समय का दुरुपयोग भी बढ़ा है। चाहे कोई छोटा कर्मचारी हो या किसी राज्य का मुख्य सचिव का ज्ञान नहीं है, यही देश की आज हालत हो गई है।

विद्यार्थियों के संबंध में

जो विद्यार्थी हैं और नौकरी की तलाश में है उनके लिए समय की बहुत कीमत है जो समय बीत जाता है। वो कभी लौटकर नहीं आ सकता इस बात को सभी जानते हैं। जो विद्यार्थी  समय का सदुपयोग करते हैं वही विद्यार्थी जीवन में आगे बढ़ते है। समय बर्बाद करने वाले विद्यार्थी जीवन भर पछताते हैं बहुत से ऐसे विद्यार्थी हैं जो नौकरी की तलाश में रहते हैं और फिर भी समय का सदियों सदुपयोग नहीं करते।

जब तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी न मिल जाए तब तक बेहद पर हाथ रखकर अपना अमूल्य समय बर्बाद करते हैं। यदि ऐसा विद्यार्थी खाली समय में कुछ सीखने का प्रयास करें तो उनका बहुमूल्य समय बर्बाद नहीं होगा, अपने खाली समय का जो सदुपयोग करना जानते हैं वही बुद्धिमान व्यक्ति हैं। 

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