राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस : Panchayati raj diwas क्या है?

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  • राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस या राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन दिवस का आयोजन पंचायती राज मंत्रालय के द्वारा किया जाता है| भारत पहला पंचायती राज (panchayati raj) या राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन दिवस को 24 अप्रैल 2010 को मनाया था| यह सत्ता के विकेन्द्रीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था जिससे भारत के गाँवों का भी विकास तेजी से हो पाया|
  • इसे एक उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था हालाँकि पंचायती राज (panchayati raj) को 24 अप्रैल 1993 में ही लागू कर दिया गया था|
  • यह 73वाँ संविधान संशोधन विधेयक जिसमे गाँव, मध्यवर्ती तथा जिला स्तरीय पंचायत के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को संस्थागत बनाया गया| भारतीय संविधान की प्रस्तावना अर्थ सहित : Sanvidhan ki Prastavna
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के साथ साथ एक बड़ी आवादी बाला देश भी है अतः देश के हर क्षेत्रों की समस्यों की वास्तविकता प्राप्त करने तथा उसे हल करना काफी मुश्किल भरा काम था इस कारण लोकतंत्र की शक्ति को विकेन्द्रीकरण करने का निर्णय लिया गया|
  • लोकतंत्र की सत्ता के विकेन्द्रीकरण करने के लिए वर्ष 1957 में बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया| इसी समिति की सिफारिस पर भारत में पहलीबार पंचयाती राज (panchayati raj) का गठन किया गया|
  • देश में पहला पंचायती राज शुरू करने वाला राज्य राज्यस्थान है, इसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरु ने 2 अक्टूबर 1959 में राजस्थान के ‘नागौर’ जिले में किया था| उसके बाद आंध्रप्रदेश के हैदराबाद जिले के ‘शादनागर’ में पंचायती राज (panchayati raj) शुरू हुआ|

पंचायती राज दिवस (panchayati raj diwas) का महत्त्व

  • इस दिन का महत्वपूर्ण पहलू आम लोगों के हाथों में राजनीतिक शक्ति का विविधिकरण है, लोगों को अब ऐसा लग रहा था की उस क्षेत्र के प्रशासन को चलने के लिए हर गाँव, पंचायत, ब्लॉक और जिले में एक अलग नेता है|
  • भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देख-रेख के लिए पंचायती राज मंत्रालय नामक एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया|
  • पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तरीय प्रणाली के माध्यम से सस्र्कार ग्रामीण गतिविधियों पर प्रभावी तरीके से नजर रखती है व योजनाओं को सीधे लोगों तक पहुँचाती है, जिससे ग्रामीण आबादी को भी लाभ होता है|
  • भारत सरकार पंचायत सशक्तिकरण जवाबदेही प्रोत्साहन योजना के तहत, प्रत्येक वर्ष देश के 170 पंचायती राज संस्थाओं को “पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार” से त्रिस्तरीय पंचायतों को सम्मानित करती है|

उल्लेख

  • यह के राज्य सूची का विषय है, इसका उल्लेख संविधान की सातवीं अनुसूची में किया गया है|
  • संविधान के अनुच्छेद-40 में कहा है की “राज्य ग्राम पंचायतों को संगठित करने के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी भी शक्तियाँ और अधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हो|

त्रिस्तरीय पंचायत में क्या क्या?

  • ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत
  • ब्लॉक स्तर पर मण्डल परिषद् या ब्लॉक समिति या पंचायत समिति
  •  जिला स्तर पर जिला जिला परिषद्

73वाँ संविधान संशोधन 1992 की विशेषता

  • संविधान के भाग-4 में पंचायत को शामिल करके पंचायती राज संस्थोम को संवैधानिक निकाय बनाया गया|
  • अनुच्छेद-243B के तहत प्रत्येक राज्य में पंचायतों की स्थापना को अनिवार्य कर दिया गया|
  • अनुच्छेद-243G में राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को शक्तियों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के अनिवार्य रूप से हस्तांतरण का प्रावधान
  • अनुच्छेद-243E के तहत ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया|
  • अनुच्छेद-243K के तहत राज्य चुनाव आयोग पंचायतों का स्वतंत्र चुनाव कराएगा|
  • अनुच्छेद-243D के तहत ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान है|
  • अनुच्छेद-243I के तहत राज्य वित्त आयोग के माध्यम से 5 वर्षों में एक बार पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जाएगी|
  • पंचायती राज्य को गरम स्टार पर सुशासन के रूप में देखा जाता है जो किसी भी गाँव के विकास में मदद कर सकता है – गाँधी जी

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