Kapil dev biography in hindi : क्रिकेट की दुनियाँ का एक ऐसा नाम जिसने भारत के लिए पहलीबार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत कर लाया जिसे किसे ने कभी सोचा भी नहीं था| इन्होने 1999 से 2000 ई० के बीच लगभग 10 महीनों तक के भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रहें| जी हाँ हम बात कर रहे हैं हरियाणा तूफ़ान के नाम से जाने-जानेवाले कपिल देव की|
नाम | कपिल देव निखंज |
जन्म | 6 जनवरी सन् 1959 |
जन्म स्थल | चंडीगढ़, भारत |
ऊंचाई | 6 फीट |
संपत्ति | लगभग 200 करोड़ |
पिता का नाम | रामलाल निखंज |
माता का नाम | राजकुमारी |
पहला टेस्ट मैच | फैसलाबाद, 1978 (भारत बनाम पाकिस्तान) |
उच्च टेस्ट मैच स्कोर | 163 रन |
कुल विकेट (टेस्ट मैच में) | 434 विकेट |
पहला ODI | क्यूटा, 1978 (भारत बनाम पाकिस्तान) |
उच्च ODI रन स्कोर | 175 रन नॉट आउट |
कुल विकेट (ODI में) | 234 विकेट |
भारत के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक कपिल देव दाएं हाथ के बल्लेबाज थे जो तेज गति से रन बनाना पसंद करते थें, इन्हें पिच पर कभी भी रन आउट होते हुए नहीं देखा गया साथ ही यह दाएँ हाथ के तेज गेंदबाज भी थें|
कपिल देव (kapil dev)
- इनका जन्म आधुनिक पंजाब व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में 6 जनवरी सन् 1959 को हुआ था| इनकी प्रारंभिक शिक्षा DAV स्कूल से शुरू हुई तथा स्नातक की पढाई के लिए इन्हें सेंत एडवर्ड कॉलेज भेजा गया जहाँ खेल के प्रति रूचि देखर इन्हें देश प्रेम आजाद के पास क्रिकेट सिखने के लिए भेज दिया गया|
भारत विभाजन का प्रभाव
- भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान कपिल देव (kapil dev) का परिवार रावलपिंडी (पाकिस्तान) से भारत आ गया और चंडीगढ़ में रहने लगा| कपिल देव कुल 7 भाई बहन थे जिसमे कपिल 6ठे स्थान पर थें| कपिल देव का विवाह 1980 ई० रोमी भाटिया के साथ हुआ|
क्रिकेट करियर
- कपिल देव के क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 1975 से माना जाता है जब इन्होने हरियाणा के लिए खेलते हुए पंजाब को मात्र 63 राहों पर ही रोक दिया और अपनी टीम हरियाणा हो 6 विकेटों से शानदार जीत दिलाई|
- 1976 – 77 ई० में जम्मू कश्मीर के विरुद्ध 8 विकेट लिए और 36 रन भी बनाए उसी वर्ष बंगाल के विरुद्ध 7 विकेट लिए और 20 रन बनाए|
- कपिल देव (kapil dev) अपना पहला ;अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में खेला, इस मैच में इन्होने 1 विकेट लिए और 13 रन ही बना पाएँ| मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय – Munshi Premchand Biography in hindi
- इन्होने अपने जीवन का सबसे बेहतरीन पारी 1979 – 80 में दिल्ली के विरुद्ध खेला था, इस मैच में इन्होने नाबाद 193 रन बनाए ये उनके जीवन का पहला शतक था|
कप्तानी का मौका - अधकारिक तौर पर कपिल देव (kapil dev)को पहलीबार कप्तानी का मौका 1982-83 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जा रहे एकदिवसीय मैच में मिला| उस समय वेस्टइंडीज काफी मजबूत क्रिकेट टीम हुआ करती थी जिसे हरा पाना मुस्किल था लेकिन सुनील गावस्कर जे 90 रन और कपिल देव के 72 के शानदार पारियों के बदौलत भारत यह मैच जीत गया साथ ही कपिल देव 2 विकेट भी लिए|
1983 का क्रिकेट वर्ल्ड कप
- कपिल देव का प्रदर्शन वर्ल्ड कप में एक सामान्य बॉलर की तरह ही था, भारत को वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए जिम्बाब्वे को हराना बहुत ही जरुरी हो गया किन्तु इस मैच में भी भारत हार की ओर बढ़ रहा था| लेकिन कपिल देव पारी को संभाला और 138 गेंदों में 175 रन बना डाले जिसमे 6 छके तथा 16 चौके शामिल था साथ ही जिम्बाब्वे के 5 विकेट भी चटका लिए| कपिल देव की इसी शानदार पारी के कारण भारत जोकि एक समय पर लग रहा था की भारत हार जाएगा जीत गया|
- इंग्लैंड में हो रहे 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में, भारत ने कपिल देव की कप्तानी में, वेस्टइंडीज जोकि उस समय के सबसे मजबूत टीम मानी जाती थी को हराकर भारत ने इतिहास रच दिया| यह जीत, कपिल देव (kapil dev) को सबके नजरों में एक महान खिलाड़ी बनाया|
- वर्ल्ड कप में अपने बेहतरीन कप्तानी और शानदार प्रदर्शन खासतौर पर उस समय जब भारत को एक बेहतरीन पारी की आवश्यकता थी कपिल देव में बखूबी निभाई|
बीबीसी विवाद
- 1983 का क्रिकेट वर्ल्ड कप बेहद ख़ुशी और गर्व का पल था लेकिन यह दुखद ही की इन खूबसूरत लम्हों को रिकॉर्ड ना किया जा सका| दरअसल 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान बीबीसी हड़ताल पर चला गया इस कारण मैच का टेलीकास्ट नहीं हो सका|
बुरे दौर
- हर व्यक्ति के जीवन में अच्छा और बुरा समय आता है कपिल देव के जीवन में भी एक बुरा दौर आया| वर्ल्ड कप के तुरंत बाद 1984 में वेस्टइंडीज के साथ एकदिवसीय मैचों की सृंखला का आयोजन किया गया था जिसमे भारत बुरी तरह से हार गया| इस हार के बाद कपिल देव को कप्तानी पद से हटाकर सुनील गावस्कर को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया|
- 1987 में कपिल देव (kapil dev) को पुनः कप्तान बनया गया लेकिन 1987 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार के बाद कपिल देव को फिर से कप्तानी पद से हटाकर गावस्कर को कप्तान बनया गया| इसके बाद कपिल देव को फिर कभी भी कप्तान नहीं बनाया गया हालाँकि 1989 उपकप्तान अवश्य बनाया गया था|
भारतीय क्रिकेट टीम के कोच
- कपिल देव को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाने का भी मौका मिला लेकिन भारत ऑस्ट्रेलिया से 2-0 से सृंखला हारने के बाद कपिल देव (kapil dev) पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा जिसके चलते इन्होने कोच पद से इस्तीफा दे दिया|
पुरस्कार एवं सम्मान
- सन् 1979-80 में क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा ‘अर्जुन पुरस्कार’ से, 1982 में पद्म श्री तथा 1991 पद्म भूषण से सम्मानित किया गया|
- क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983 में शानदार प्रदर्शन के आधार पर ‘विज्डन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ से तथा वर्ष 2002 में सदी के ‘विज्डन भारतीय क्रिकेटर’ के सम्मान से सम्मानित किया गया|
- सन् 2008 में कपिल देव (kapil dev) क्षेत्रीय भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण किया|
- वर्ष 2010 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम पुरस्कार से सम्मानित किया गया|