पहले लोगों के शौक खेलना पढ़ना संगीत सुनना चित्र बनाना फोटोग्राफी इत्यादि हुआ करते थे। आजकल उनसे शौक के बारे में पूछिए तो हर 10 में से सात लोगों का जवाब होगा इंटरनेट सफरिंग। और कमल तो यह है कि इंटरनेट के माध्यम से खेलने, पढ़ने, संगीत सुनने और चित्र बनाने जैसे शौक भी पूरे किया जा सकते हैं। यही कारण है कि इसे कोई जादू तो कोई भी ज्ञान का चमत्कार तो कोई ज्ञान का सुपर हाईवे कहता है।
इन्टरनेट (internate par nibandh)
आप इसे जो भी कहिए किंतु इस बात में कोई संदेह नहीं है की सूचना क्रांति की दिन यह इंटरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी साबित हुआ है। संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिल्कुल बदल कर रख दिया है।
सुचना के क्षेत्र में
सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक अप संसाधनों को साझा करने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों से आपस में जुड़े कंप्यूटर एवं उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का समूह कंप्यूटर नेटवर्क से कहलाता है और इन्हीं कंप्यूटर नेटवर्कों का विश्वसनीय नेटवर्क इंटरनेट है। मोबाइल पर निबंध
इंटरनेट की शुरुआत
शीत युद्ध के कारण सन 1969 में अमेरिका की प्रतिरक्षा विभाग ने युद्ध की स्थिति में अमेरिकी सूचना संसाधनों के संरक्षण एवं आपस में सूचना को साझा करने के उद्देश्य से पहन के एक मिनट पर अरपानेट की स्थापना की। इसी संकल्पना के आधार पर अन्य कंप्यूटर नेटवर्कों का निर्माण हुआ जो आगे चलकर इस स्तरीय नेटवर्क इंटरनेट के रूप में तब्दील हो गया।
इसमें विश्व भर के कंप्यूटर नेटवर्क एक मानक प्रोटोकॉल के माध्यम से जुड़े होते हैं। दुनिया के किसी भी व्यक्ति को इंटरनेट के स्वामी की संज्ञा नहीं दी जा सकती। इसका कोई मुख्यालय अथवा केंद्रीय प्रबंध नहीं है कोई भी व्यक्ति जिसके पास किसी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है। अपने कंप्यूटर के माध्यम से इससे जुड़ सकता है पूरे विश्व में इंटरनेट से जोड़ने वाले लोगों तेजी से वृद्धि हो रही है।
कंप्यूटर नेटवर्क का आविष्कार सूचनाओं को साझा करने के उद्देश्य किया गया था। पहले इसके माध्यम से हर प्रकार की सूचना को साझा करना संभव नहीं था किंतु अब सोचना परमधाम की के इस युग में दस्तावेजों एवं ध्वनि के साथ-साथ वीडियो का प्रदान प्रदान करना भी संभव हो गया।
इंटरनेट वह मध्य जो आपके सभी आदेशों का पालन करने को तैयार रहता है। विदेश जाने के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक करना हो किसी पर्यटन स्थल पर स्थित होटल का कोई कमरा बुक करना हो, किसी किताब का आर्डर देना हो, अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए विज्ञापन देना हो, अपने मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करनी हो, डॉक्टर से स्वास्थ्य को संबंधी सलाह लेनी हो या वकीलों से कानून सलाह लेनी हो इंटरनेट हर मर्ज की दवा है।
इंटरनेट ने सरकार व्यापार और शिक्षा को नए अवसर दिए हैं। सरकारी अपने प्रशासनिक अधिकारियों के संचालन विभिन्न कर प्रणाली प्रबंधन एवं शुभ सूचनाओं के प्रसारण जैसे अनेको कार्यों के लिए इंटरनेट का उपयोग करती है।
कुछ वर्ष पहले तक इंटरनेट व्यापार और वाणिज्य में प्रभावित नहीं था, लेकिन आज सभी तरह के विभिन्न और व्यापारिक लेन-देन इसके माध्यम से संभव है इंटरनेट पर आज पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही है। रेडियो के चैनल उपलब्ध है और टेलीविजन के लगभग सभी चैनल भी मौजूद हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में
इंटरनेट के माध्यम से आज शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा सकता है। विश्व के एक छोर से दूसरे छोर पर स्थित पुस्तकालय से जुड़कर किसी विषय का विशेष ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अपनी संस्था तथा उनकी गतिविधियों विशेषताओं यदि के बारे में इंटरनेट पर अपना वेब पेज बना सकता है। जिसे करोड़ों लोग अपने इंटरनेट पर देख सकते हैं।
विश्व व्यापी यानी वैश्विक पहुंच का सर्वोच्च सर्वोत्तम साधन सिद्ध हो गया है। इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियां मामूली शुल्क लेकर उपभोक्ताओं को इंटरनेट सेवा प्रदान करती है।
भारत में इंटरनेट सेवा
भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुआत बीएसएनल नेशन 1995 में की थी अब एयरटेल, रिलायंसन जैसी संचार कंपनियों भी इंटरनेट सेवा उपल्ब कराती है। पहले ईमेल के माध्यम से दस्तावेजों एवं छवियों का विधान प्रधान ही किया जाता था। अब ऑनलाइन बातचीत का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है और चैटिंग के माध्यम से हम किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं।
इंटरनेट के माध्यम से मीडिया हाउस ध्वनि और दृश्य दोनों माध्यम के द्वारा तक खबरें और मौसम संबंधी जानकारियां हम तक आसानी से पहुंचते रहें हैं।
नेता हो या अभिनेता, विद्यार्थी हो या शिक्षक, पाठक हो या लेखक, वैज्ञानिक हो या चिंतक सबके लिए इंटरनेट समान रूप से उपयोगी साबित हो रहा है। अब इसके माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल की जा सकती है बल्कि रोजगार के प्रति रोजगार की प्राप्ति में भी यह सहायक साबित होता है। विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण एवं जनमत संग्रह इंटरनेट के द्वारा भली भांति हो सकते हैं।
इंटरनेट के लाभा एवं हानि
इंटरनेट के कई लाभ है तो उनकी कई खामियां भी है। कई लोग इंटरनेट का उपयोग अश्लील साइटों को देखने और सूचनाओं को चुराने में करते हैं। इससे साइबर अपराधों में वृद्धि हुई है इंटरनेट से जुड़ने समय वायरसों द्वारा सुरक्षित फाइलों के नष्ट या संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। इन वायरसों से बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग आवश्यक होता है।
इन सबके अतिरिक्त बहुत से लोग इन पर आना आवश्यक और गलत आंकड़े एवं तथ्य भी प्रकाशित करते रहते हैं अतः इस पर उपलब्ध सभी आंकड़ों एवं तथ्यों को हमेशा प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। इसके इस्तेमाल के वक्त हमें काफी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है।
निष्कर्ष
इस तरह इंटरनेट यदि ज्ञान का सागर है तो इसमें कूड़े कचरे की भी कमी नहीं। यदि इसका सही इस्तेमाल करना आज जाए तो इस सागर से ज्ञान व प्रगति के मोती हासिल होंगे और यदि गलत इस्तेमाल किया जाए तो पूरे कचरे के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगेगा। इंटरनेट पर उपलब्ध ज्ञान के सागर एवं इस माध्यम का सही ढंग से समुचित उपयोग मनुष्य की तरह के में अहम भूमिका आने वाले पीढ़ी को इसका सही अन्यथा यह बच्चों के हाथ में धारदार तलवार साबित होगा।