वैदिक सभ्यता का उदय
हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद जो भारत नई सभ्यता विकसित हुई वह वैदिक सभ्यता थी। भारत में पहले वैदिक सभ्यता को ही भारत का सबसे प्राचीन इतिहास समझा जाता […]
हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद जो भारत नई सभ्यता विकसित हुई वह वैदिक सभ्यता थी। भारत में पहले वैदिक सभ्यता को ही भारत का सबसे प्राचीन इतिहास समझा जाता […]
इस काल के अध्ययन का एकमात्र स्रोत ॠग्वेद है। ऋग्वैदिक काल में आर्यों का जीवन अस्थायी प्रकार का होता था । ऋग्वैदिक कालीन आर्य यायावर घुमन्तू थे। जो एक ही […]
हड़प्पा सभ्यता या सिन्धु सभ्यता का उदय भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी तथा पक्षिमी भाग में हुआ, यह सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप में नगरीय क्रांति के अवस्था को दर्शाती है| 20 शताब्दी […]
हड़प्पा कालीन समाज : भारत की ही नहीं वाल्की विश्व की सबसे बड़ी विशाल और विकसित सभ्यताओं में से एक सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के लोगों का का सामाजिक […]
हड़प्पा कालीन अर्थव्यवस्था : सिन्धु सभ्यता इतनी विकसित सभ्यता थी तो कहीं न कहीं इसके पीछे इसके आर्थिक क्षमताओं का भी बहुत बड़ा योगदान अवश्य रहा होगा| हड़प्पा कालीन अर्थव्यवस्था […]
वैदिक साहित्य (Vedic Literature) ऋग्वेद ऋग्वेद विश्व का प्रथम प्रमाणिक ग्रन्थ है । यह देवताओं को स्तुति से संबंधित रचनाओं का संग्रह है। ऋग्वेद 10 मण्डलों में विभक्त है। इसमें […]
सिन्धु सभ्यता अत्यंत ही विकसित एवं विस्तृत सभ्यता थी, पुरात्विक स्रोत्रों के आधार पर, नगरीय सभ्यता होने का प्रमाण मिला है| सिन्धु सभ्यता का नगर निर्माण योजना नगर निर्माण योजना […]
उत्तरवैदिक काल उत्तरवैदिक काल से संबंधित जानकारी हमें सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद तथा ब्राह्मण ग्रन्थ, आरण्यक उपनिषद आदि से प्राप्त होती है। उत्तरवैदिक काल में आर्यों के जीवन में स्थायित्व आया […]
छठी शताब्दी ई.पू. के उत्तरार्द्ध में मध्य गंगा के मैदानों में अनेक धार्मिक सम्प्रदायों (Religious Sects) का उदय हुआ, जिनमें जैन और बौद्ध महत्वपूर्ण हुए। जैन धर्म (Jain dharm) जैन […]
बौद्ध धर्म (Buddhism) बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध थे। बुद्ध का अर्थ ‘प्रकाशमान’ अथवा ‘जाग्रत’ होता है। बुद्ध का जन्म शाक्यों की राजधानी कपिलवस्तु के समीप लुम्बिनी में हुआ […]
Haryak vansh : मगध पर हर्यक वंश से पहले बृहद्रथ वंश का शासन था, इसी बृहद्रथ वंश के पतन के बाद बिम्बिसार द्वारा मगध हर्यक वंश की स्थापना की गई| […]
उत्खनन से प्राप्त कंकालों के परिक्षण से प्राप्त जनकारी के अनुसार चार प्रजातियाँ भूमध्यसागरीय, ऑस्ट्रेलॉइड, अल्पाइन और मंगोलाइड निवास करती थी, जिसमे भुमध्सागरीय प्रजाति की संख्या अधिक हुआ करती थी| […]