भारत में चुनाव प्रक्रिया लोकतंत्र की सफलता के लिए निश्चित अवधि पर निष्पक्ष चुनाव किया जाता है। भारत में राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा के लिए, राज्य स्तर पर राज्य विधानसभा के लिए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया में हम लोग निम्नलिखित स्तरों पर विभाजित कर सकते हैं।
चुनाव पर निबंध (Essay on election)
संविधान की धारा 327 के द्वारा चुनाव क्षेत्र की सीमा निर्धारित करने के लिए कानून बनाती है जिसके द्वारा जन्म जिसके द्वारा जनगणना के आधार पर समान जनसंख्या वाले निर्वाचन क्षेत्र बनाकर क्षेत्र की सीमा का निर्धारण किया जाता है यह कार्य चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है। कंप्यूटर पर निबंध
मतदाता सूची
चुनाव प्रक्रिया का सबसे पहले चरण मतदाता सूचित तैयार करना होता है मतदाता सूची निर्वाचन आयोग (election commission) की देखरेख में बनाई जाती है जिसमें व्यस्त नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष का है मतदाता सूची में दर्ज किया जा सकता है और इसी के आधार पर मतदान किया जाता है।
चुनाव की घोषणा
इसके बाद निर्वाचन आयोग और संबंधित सरकार की घोषणा करते हैं जिसमें चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामांकन पत्र देने की अंतिम तिथि, जांच पड़ताल की तिथि नाम वापस लेने की तिथि तथा मतदान के तिथियां की घोषणा की जाती है। साथ ही संबंधित चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा की जाती है।
प्रत्याशियों का नामांकन
चुनाव आयोग की चुनाव की तिथि तय करके घोषणा करते हैं और उम्मीदवार नामांकन पत्र भरते हैं एक निश्चित तिथि के अंदर नाम वापस लेते हैं इस परिस्थिति में जमानत की राशि वापस हो जाती है।
निर्वाचन अधिकारी
करवाने के उद्देश्य से विभिन्न स्तरों पर चुनाव अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं जो चुनाव के संपूर्ण व्यवस्था का संचालन करती है।
चुनाव घोषणा-पत्र
प्रत्याशियों के द्वारा अपना-अपना घोषणा पत्र जारी किया जाता है जिससे प्रत्याशियों के अपना कार्यक्रम के बारे में पता चलता है।
चुनाव प्रचार
चुनाव प्रचार के लिए चुनाव घोषणा पत्र के साथ-साथ आम सभाएं आयोजित कर, विज्ञापन द्वारा, बैनर एवं पोस्ट द्वारा सभी राजनीतिक दल अपना-अपना चुनाव प्रचार करते हैं।
मतदान केंद्र
प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में अनेक मतदान केदो का निर्माण किया जाता है जहां पर मतदाता अपने मतदान केंद्र पर जाकर अपना मतदान करते हैं।
मतदान
मतदाता निश्चित तिथि में मतदान केंद्र पर जाकर अपना गुप्त मतदान करते हैं।
मतगणना के परिणाम
मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद निर्वाचन पदाधिकारी प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों के सामने मतपेटियों को सील बंद कर एक निश्चित जगह पर पहुंचाई जाती है जहां पर सुरक्षा के कड़ी व्यवस्था रहती है।
बाद में निश्चित तिथि को सभी मतपेटियों को खोलकर एक सुरक्षित व्यवस्था के अंतर्गत मतगणना की जाती है। एक निश्चित संख्या का मत नहीं प्राप्त करने वाले की जमानत जप्त हो जाती है।
चुनाव व्यय का निर्धारण
चुनाव परिणाम घोषणा होने के 45 दिन के भीतर चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत अपने खर्च का लेखा-जोखा देना पड़ता है जिस विजई प्रत्याशी का खर्च सीमा से अधिक होता है उसे अवैध करार दिया जाता है।
निर्वाचन याचिका
चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी अथवा निर्वाचन (election) क्षेत्र से कोई मतदाता यह महसूस करें कि चुनाव में अधिक ब्याज हुआ है या भ्रष्ट तरीके से विजय हुए हैं तो वह न्यायालय में उनके विरुद्ध अपील करते हैं यदि अपीलकर्ता सही पाए जाते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है।