मौर्य वंश का पतन के कारण : Maurya Vansh ka Patan ke kaaran

अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या इसी के सेनापति के द्वारा कर दिया और करीब 137 वर्षो तक रहे मौर्य वंश का पतन (maurya vansh ka patan) हो गया।

Maurya Vansh ka Patan

बृहद्रथ की हत्या का मुख्य कारण था की भारत पर यूनानी आक्रमण का खतरा था। जिसे सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ इस खतरे से अबगत कराया परंतु बृहद्रथ इस खतरे को बार-बार नजरअंदाज कर रहा था। क्योंकी अशोक ने जो धम्य नीति यानी ही अहिंसा के मार्ग को अपनाया था इसी नीति को बृहद्रथ भी महत्ता दे रहा था इसलिए पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ की हत्या कर दिया और मगध पर शुंग वंश की स्थापना किया और यूनानियों से युद्ध किया।

इतिहासकार के अनुसार

मौर्य वंश के पतन को लेकर भारत और विश्व के इतिहासकारों और विद्वानों ने अलग-अलग कारण बताये है जो नीचे के खंड के क्रमबार दिया गया है

हरप्रसाद शास्त्री

मौर्य वंश के समय जिस प्रकार से बौद्ध धर्म को महत्ता दिया गया और बौद्ध धर्म अपने चरम पर था उस प्रकार से अन्य धर्मो को महत्ता नही दिया गया अतः ब्राह्मण विरोधी नीतियाँ भी पतन का एक कारण रहा।

हेमचन्द्र चौधरी

अशोक ने जो अहिंसा और शांतिप्रिय मार्ग को अपनाया था वह एक राजा के रूप में कभी भी सही नहीं देता।

अयोग्य उत्तराधिकारी

अशोक ने राजा बनने से पहले अपने कई भाईओं की हत्या कर दिया था इसलिय अपने राज्यों लोगों को सामंत अर्थात अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्र बनना पड़ा। हालाँकि सामंत व्यवस्था की शुरुआत बिल्कुल भी नहीं हुआ था लेकिन उसी के जैसा था। और अशोक के मृत्यु के बाद धीरे-धीरे कर सब अलग होते गए।

अतिकेंद्रीकरण

सभी कार्य राजा के नियंत्रण में होता था और अशोक के बाद कोई भी ऐसा उत्तराधिकारी नहीं हुआ जोकि इसे सही तरीके से चला सके।

आर्थिक संकट

कहा जाता है है की अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के बाद 84 हजार स्तूपों का निर्माण करवाया था और इसके देखभाल करने में भी अधिक खर्च हो रहा था। इसे पूरा करने के लिए जनता पर अतिरिक्त कर लगा दिया गया था जिससे ना केवल राजकोष खाली हो गया वल्कि लोगों की भी आर्थिक स्थिति खारव हो गया।

धम्य की नीति

अशोक ने युद्ध और राजनीतिक नीतियों को छोड़कर धम्य नीती अर्थात धर्म का मार्ग (अहिंसा की नीति) के नीति को अपनाया इसके बाद क्षेत्रीय राजाओं अलग होने लगे और इसे रोकने के लिए कुछ भी ना कर सका।

निष्कर्ष

अगर चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य के जगह कोई बौद्ध भिक्षु होता तो कभी में मौर्य वंश की स्थापन ना हुआ होता। किसी भी राजा को अहिंसा और अत्यंत ही शांति प्रिय होना उचित नहीं होता है क्योंकी एक राजा को अपने जीवन में युद्ध या फिर कई सारे ऐसे निर्णय लेने पड़ते है जो काफी सख्त होते है।

FAQ Section :

मौर्य वंशी शासक बृहद्रथ की हत्या के क्या कारण थें?

बृहद्रथ की हत्या का मुख्य कारण था की भारत पर यूनानी आक्रमण का खतरा था। जिसे सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ इस खतरे से अबगत कराया परंतु बृहद्रथ इस खतरे को बार-बार नजरअंदाज कर रहा था। क्योंकी अशोक ने जो धम्य नीति यानी ही अहिंसा के मार्ग को अपनाया था इसी नीति को बृहद्रथ भी महत्ता दे रहा था इसलिए पुष्यमित्र शुंग ने बृहद्रथ की हत्या कर दिया और मगध पर शुंग वंश की स्थापना किया और यूनानियों से युद्ध किया।

मौर्य वंश का अंतिम शासक कौन था?

बृहद्रथ

अंतिम मौर्य शासक की हत्या किसने की?

अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या इसी के सेनापति के द्वारा कर दिया और करीब 137 वर्षो तक रहे मौर्य वंश पतन हो गया।

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