कुतुब शाही वंश का इतिहास

बहमनी साम्राज्य से अलग होने के बाद गोलकुंडा पर 1512 ई० में “कुलीशाह” ने “कुतुब शाही वंश” की स्थापना किया।

कुतुब शाही वंश

यह पूर्व वारंगल के हिन्दू राज्यों के स्थान पर बना था। इस कुतुब शाही वंश के संस्थापक रहे कुलीशाह को उनके पुत्र जमशेद ने ही 1543 ई० में हत्या कर दी। जमशेद ने लगभग 17 वर्षों तक शासण किया पर उसने कोई खास उपलब्धि प्राप्त नहीं किया। जमशेद के उतराधिकारी इब्राहीम कुल कुतुबशाह हुआ।

इब्राहीम कुली कुतुबशाह

“कुतुबशाह” की उपाधि धारण करने बाला गोलकुंडा का यह पहला शासक था। इसने 1565 ई० में विजयनगर के विरुद्ध बने मुस्लिम राज्यों के संघ का हिस्सा बना।

मुहम्मद कुली कुतुबशाह

इसने हैदराबाद नगर की स्थापना किया और हैदराबाद ही वर्ष 1591 ई० में “चार मीनार” का निर्माण करवाया।

दक्कनी उर्दू में प्रथम दीवान (काव्य संग्रह) की रचना किया। इस कारण इसे दक्कनी उर्दू काव्य का जन्मदाता भी माना जाता है।

मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने दक्कनी उर्दू के साथ-साथ उर्दू और तेलगु को भी सामान रूप से संरक्षण दिया था।

अब्दुल्ला कुतुबशाह

11 वर्ष के अल्पायु होने के कारण “हयात बख्श” के संरक्षण ने सुल्तान बना। 1636 में अब्दुल्ला ने मुग़ल शासक शाहजहाँ से संधि कर लिया।

अब्दुल्ला के शासनकाल में मीर मुहम्मद सैयद (मीर जुमला) नामक फारसी उसका वजीर हुआ करता था जो बाद में मुगलों की सेवा में चला गया।

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गोलकुंडा के अंतिम शासक रहे “अबुल हसन” के शासनकाल में 1672 से 1687 ई० तक मदन्ना और अखान्ना नामक दो भाइयों ने गोलकुंडा के प्रशासन व सेना पर नियंत्रण रखा इस कारण यह सुरक्षित रहा। 1687 ई० में औरंगजेब ने गोलकुंडा पर आक्रमण कर उसे अपने साम्राज्य में मिला लिया और अबुल हसन को बंदी बनाकर दौलताबाद के किले में भेज दिया।

FAQ Section :

क़ुतुब शाही वंश के संस्थापक कौन था?

बहमनी साम्राज्य से अलग होने के बाद गोलकुंडा पर 1512 ई० में “कुलीशाह” ने “कुतुब शाही वंश” की स्थापना किया जो पूर्ववर्ती हिन्दू राज्य वारंगल से स्थान पर स्थापित हुआ। 1518 में क़ुतुब शाह अपनी स्वतंत्रता की घोषणा किआ और गोलकुंडा को अपनी राजधानी बनाया।

क़ुतुब शाही वंश का सबसे महान राजा कौन था?

इस वंश के पाँचवे शासक रहे मुहम्मद कुली क़ुतुब शाह इस वंश का सबसे महान शासक हुआ जिसने लम्बे समय तक शासन किया। इसके शासनकाल में क़ुतुब शाही वंश अपने चरम पर था। इसने 15 वर्ष की आयु में शासक बना था।

क़ुतुब शाह ने क्या बनाया?

1591 में क़ुतुब शाह ने चार मीनार को बनबाया और हैदराबाद नगर को बसाया व राजधानी बनाया।

क़ुतुब शाह की राजधानी कौन थी?

गोलकुंडा और चार मीनार के निर्माण के बाद हैदराबाद इसकी राजधानी बनी।

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