कल्याणी के चालुक्य का इतिहास : Kalyani ke Chalukya
चालुक्यों की शाखाओं में से एक शाखा थी पक्षिम की शाखा जिसे कल्याणी के चालुक्य (kalyani ke chalukya) कहा गया। इस शाखा की स्थपाना तैलप …
इस सामान्य ज्ञान खंड में विविध विषयों जैसे विज्ञान, भूगोल, राजनीतिक विषय आदि के रोचक तथ्यों और महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी दी गई है जो आपकी ज्ञान वृद्धि में सहायक होगी।
चालुक्यों की शाखाओं में से एक शाखा थी पक्षिम की शाखा जिसे कल्याणी के चालुक्य (kalyani ke chalukya) कहा गया। इस शाखा की स्थपाना तैलप …
चालुक्य वंशीय शासकों ने अनेक शाखाओं के माध्यम से शासन किया जैसे की बादामी/वातापी के चालुक्य, कल्याणी के चालुक्य तथा वेंगी के चालुक्य (vengi ke …
वासुदेव, शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति के सेनापति हुआ करते थे जिसने 73 ईसा पूर्व में अपने राजा यानी की देवभूति की हत्या कर दी …
राजा फिलिप 359 ईसा पूर्व में मकदुनियाँ के शासक बना और करीब 30 वर्षों बाद 329 ईसा पूर्व में फिलित की हत्या कर दिया गया …
हर्यक वंश के बाद मगध पर शिशुनाग वंश आया इसकी स्थापना शिशुनाग (shishunag vansh) ने 412 ईसा पूर्व में हर्यक वंश के अंतिम शासक नागदाशक …
शिशुनाग वंश के पतन के बाद 344 ईसा पूर्व में महापद्म्नंद ने चौथी और पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व में मगध पर नन्द वंश (nand vansh) …
मगध के सबसे प्राचीन राजवंश के शासक बृहद्रथ था जिसकी राजधानी गिरिव्रज या वसुमती या कुशाग्रपुर भी कहा जाता था जिसे वसु ने स्थापित किया …
Magadh Samrajya ka Uday : छठी शताब्दी ईसा पूर्व में व्यापार की प्रगति, लोहे का व्यापक प्रयोग, मुद्रा का प्रचलन एवं नगरों का पुनः उत्त्थान …
Tamra Pashan Kal : भारत में सिन्धु क्षेत्र के बाहर अनेकों प्रकार के ग्रामीण संस्कृतियाँ विकसित थी, उन्ही में से एक था ताम्र पाषाणिक संस्कृति। …
Mahajanpad kal : छठी शताब्दी ईसा पूर्व में व्यापार की प्रगति, लोहे का व्यापक प्रयोग, मुद्रा का प्रचलन एवं नगरों का पुनः उत्त्थान से सामाजिक, …