समाचार पत्र पर निबंध

एक सामाजिक कड़ी : समाचार पत्र वह मुद्रित पत्र होता है, जिसमें दुनिया भर की दैनिक घटने वाली जानकारियां छपती है। समाचार पत्र रूप में माध्यम से हम घर बैठे दुनिया भर का हाल जान लेते हैं यह वह कड़ी है, जो हमें शेष विश्व से जोडती है।

देश-विदेश की खबरें पढ़कर हम विश्व के व्यापक संगीत में लय हो जाते हैं। विश्व का दुख सुख हमारा दुख सुख बन जाता है। परिणामस्वरुप हमारे हृदय का विस्तार होता है, हम संपूर्ण वसुधा को कुटुंब मानकर उसके सजीव हिस्से हो जाते हैं एक दिन भी हमें समाचार पत्र ना मिले तो ऐसा अनुभव होता है जैसे हम जीवन के प्रगति चक्र से हटकर अलग-थलग पड़े हों।

समाचार पत्र

वास्तव में समाचार पत्र लोकतंत्र का सशक्त पहरेदार है। उसी के माध्यम से लोग अपनी इच्छा विरोध और आलोचना प्रकट करते हैं, यही कारण है कि बड़े से बड़े राजनीतिज्ञ भी समाचार पत्रों से भयभीत रहते हैं।

समाचार पत्र एक ओर जनमत को बनी देते हैं दूसरी ओर वे जनमत तैयार करते हैं। वे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय और मुद्दों पर लोगों का ध्यान खींचकर उनका एक जैसा समाधान बताते हैं, परिणाम स्वरुप लाखों करोड़ों पाठकों की एक साथ एक जैसी प्रतिक्रिया होती है और समूचे वातावरण ही हील उठता है। शहरी जीवन पर निबंध

जन जागरण के क्षेत्र में में भारतीय समाचार पत्रों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाचार पत्र केवल विध्वंस ही नहीं करते वे निर्माण भी करते हैं। पिछले 43 वर्षों में पर्यावरण प्रदूषण, आरक्षण, जातिवाद, दहेज, मद्यपान, परिवार नियोजन, असम, कश्मीर आदि समस्याओं पर जितना जनमत समाचार पत्रों ने बनाया है वह प्रशंसनीय है।

इतिहास साक्षी है कि जब समाचार पत्रों ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाई है तब तक उन्होंने क्रांति उपस्थिति की है। आज युग युग में अपेक्षित जनों को अगर अपने खोए हुए अधिकार मिले हैं तो समाचार पत्रों में छपे विचारोतेजक लेखों के कारण। नारी को पुरुष के समान महत्व मिला है तो उनमे भी समाचार पत्रों के महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समाचार पत्र चाहे तो राई को पहाड़ बना सकते हैं और चाहे तो पहाड़ को राई बना सकते हैं किसी भी छोटी सी घटना को अखबार के मुख्य पृष्ठ पर छाप करें उसे महत्वपूर्ण बनाया जा सकता है।

ज्ञान बुद्धि और शिक्षा का साधन

जे० पार्टन का कहना है समाचार पत्र जनता के लिए विश्वविद्यालय है, उनमें हमें केवल दिशा निर्देश की गतिविधियों की जानकारी नहीं मिलती अपितु महान विचारकों के विचार भी पढ़ने को मिलते हैं। इनके अतिरिक्त शिक्षा संबंधी अनेक जानकारियां मिलती है देश-विदेश के नवीनतम सर्वेक्षण रिपोर्ट और आंकड़े समाचार पत्रों के माध्यम से जनता तक पहुंचाते हैं।

इस इनके अतिरिक्त समाचार पत्र ज्ञान बुद्धि के भी माध्यम है। विभिन्न पर्वों, त्योहारों, उत्सव को और महापुरुषों से संबंधित जानकारियां उनमें छपती रहती है। महिलाओं को उनसे घर गृहस्ती के नुस्खे सीखने को मिलते हैं। इनके अतिरिक्त मौसम संबंधी सूचना सरकारी सूचनाओं आदि भी इसमें प्रकाशित होती रहती है।

प्रचार का सशक्त माध्यम

आज प्रचार का युग है यदि आप अपने माल को अपने विचार को अपने कार्यक्रम को अथवा अपनी रचना को देशव्यापी बनाना चाहते हैं तो समाचार पत्रों का सहारा लें आपकी बातें शीघ्र फैल जाएगी समाचार पत्रों के माध्यम से लोग रातों-रात नेता या चर्चित व्यक्ति बन जाते हैं।

व्यापारिक महत्व

समाचार पत्र व्यापार को बढ़ाने में परम सहायक सिद्ध हुए हैं। विज्ञापनों की सहायता से व्यापारियों का माल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बिकने लगता ।है रोजगार पाने के लिए भी अखबार उत्तम साधन है। इसके अतिरिक्त सरकारी या गैर सरकारी फॉर्म अपने लिए कर्मचारी ढूंढने में अखबारों का सहारा लेती है। व्यापारी नित्य के भाव देखने के लिए तथा शेरों का भाव जानने के लिए अखबारों का मुहं जोहते हैं।

मनोरंजन का साधन

आजकल अखबार मनोरंजन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ चले हैं। उनमें नई-नई कहानियाँ, किस्से, कविताएं, बालउपयोगी सहित छपत्ता रहता है। आजकल समाचार पत्रों की भूमिका बहुमुखी हो गई है। उनमें चलचित्र खेल-कूद, दूरदर्शन, भविष्य-कथन करती है इससे पाठक मनोरंजन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

जन सुविधा समाचार पत्र हमारा साथी है। आप इसके माध्यम से मनचाहा जीवन साथी पा सकते हैं। अपना मकान वाहन फर्नीचर यदि खरीद और बेच सकते हैं किराए के लिए घर दुकान पा सकते हैं। खोये हुए बंधू को बुला सकते हैं अपना परीक्षा परिणाम जान सकते हैं।

समाचार पत्र तो ऐसा साथी है जो मार कर भी सवा लाख का होता है। पुराना होने पर उससे आप बेच सकते हैं, घर की सजावट में काम ला सकते हैं यह सब ना सही आप उसे ईंधन तो बना सकते हैं सचमुच सचमुच देवता है समाचार पत्र क्योंकि इतना कुछ देता ही देता है।

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