विज्ञान पर निबंध : विज्ञान वरदान या अभिशाप

विज्ञान मानव की वैसे बौद्धिक क्षमता है जिसके सहारे वह प्रकृति के रहस्य का उद्वेदन करता है|विज्ञान मानव का वैसा सहचर है जो उसे सुख और सुविधा प्रदान करता है। विज्ञान सभ्यता के विकास का आधार है विज्ञान बौद्धिक प्रेरणा का सृजन है विज्ञान तर्क की तालिका से गड़ा हुआ सुख सुविधा से परिपूर्ण एक नए संसार का आकर्षक चित्र है।

विज्ञान पर निबंध

आधुनिक युग विज्ञान का है। जल फल और आकाश इन तीनों क्षेत्रों में उत्पन्न करने वाले कार्य हमें अभिभूत कर देते हैं विज्ञान में अनेक भौतिक सुख सुविधा को अविष्कृत कर मानव जीवन को सुखमय बना दिया है।

परिवहन

वायुयान, रेल, मोटरकार, स्कूटर, मोटरसाइकिल से हम बहुत जल्दी लंबी दूरी तय कर सकते हैं। ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाले रॉकेटों का आविष्कार कर लिया है। विज्ञान अब आकाश के सुदूर ग्रहों पर रॉकेट उठा रहा है।

विज्ञान की सहायता से हम चंद्रमा पर उतर चुके हैं और मंगल तथा शुक्र ग्रहों पर उतरने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले दिनों में विज्ञान को इसमें अवश्य सफलता प्राप्त होगी। टेलीफोन टेली प्रिंटर रेडियो टेलीविजन वीडियो और सिनेमा ने तो संसार की पुरानी सभ्यता को एकदम एकदम बदल दिया है।

कृषि कार्य

बड़ी-बड़ी नदियों पर बड़े-बड़े फूल विज्ञान से ही संभव हुई कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान ने अद्भुत कार्य किए हैं। खाद्य बीज कीटनाशक दावों और सिंचाई के साधनों से कृषि उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है।

चिकित्सा

शाल्य चिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी और विभिन्न दावों के आविष्कार से विज्ञान ने मानव जीवन को अनेक रोगों से मुक्त किया। टेस्ट ट्यूब में बच्चों को पालकर इससे चमत्कारी कार्य किया है। विज्ञान अब भविष्य बताने वाला ज्योतिषी बन गया है। आंधी-तूफान आदि की सूचना यह पहले ही दे देता है, जिससे हम अपनी सुरक्षा की व्यवस्था समय पर कर लेते हैं। दुर्गा पूजा पर निबंध

तकनीक

रोबोट विज्ञान का अद्भुत अविष्कार है वैज्ञानिक आविष्कारों के कितने नाम बनाएं हमारे सृष्टि जहां से भी जाती है। हमारे दृष्टि जहां भी जाती है विज्ञान वहीं खड़ा मिलता है।

दुष्परिणाम

विज्ञान में मानव जीवन को जितनी खुशी दी है उससे कहीं ज्यादा इसने मानव जीवन को विनाश की ओर धकेल है। इसमें ऐसे ऐसे विनाशकारी अस्त्र-शस्त्र बनाए हैं जिसे सारी पृथ्वी क्षण भर में रख हो सकती है और इसकी हजारों हजार वर्षों की अर्जित भौतिक भौतिक संस्कृति संपदा देखते ही देखते खत्म हो सकती है।

प्रथम विश्व युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध में विज्ञान ने अपने विनाशकारी स्वरूप का एक अच्छा परिचय दिया था। कुछ वर्ष पूर्व भी इराक और अमेरिका के बीच हुए युद्ध ने विज्ञान के खिलौने चेहरे से हम सबको परिचय करवा परिचित कराया है। बमों के आतंक से सारी दुनिया कांप रही है विज्ञान में प्रदूषण की समस्या खड़ी की है। लेकिन इन सबके लिए भी ज्ञान को दोष नहीं उठा रहा दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

निष्कर्ष (विज्ञान पर निबंध)

विज्ञान तो साधन है जिसे प्रयोग में लाना मनुष्य पर निर्भर करता है हम विवेकशील होकर ही विज्ञान को वरदान सिद्ध कर सकते हैं विज्ञान तो केवल वरदान है उसे हम अनैतिक और स्वार्थी लोगों ही अभिशाप में बदल देते हैं।

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