लाल कृष्ण आडवाणी

लाल कृष्ण आडवाणी, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक है। उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था जो फिलहाल पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में स्थित है। आडवाणी ने भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक जीवन

लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म एक सिंधी हिंदू परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम के. डी. आडवाणी और माता का नाम ज्ञान देवी था। विभाजन के समय उनका पूरा परिवार भारत आ गया। आडवाणी अपनी शिक्षा मुंबई से पुरी की उसके बाद वह मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की।

राजनीति

1940 के दशक में लाल कृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और यहीं से उनकी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत मानी जाती है। 1951 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ (BJS) की स्थापना की तो आडवाणी भी इसमें शामिल हो गए। इसी जन संघ के माध्यम से उन्होंने भारतीय राजनीति में कदम रखा और अपनी एक नई पहचान बनाई।

भारतीय जनता पार्टी

1975 से 77 के दौरान जब देश में आपातकाल लागु था तो आडवाणी समेत जन संघ से जुड़े कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। आपातकाल के बाद जन संघ का जनता पार्टी में विलय हो गया। इस जनता पार्टी 1977 में आम चुनाव जीता हासिल की हालांकि 1980 में जनता पार्टी से अलग हो गया और जन संघ के पूर्व सदस्यों ने “भारतीय जनता पार्टी (BJP)” की स्थापना की, आडवाणी इस पार्टी के प्रमुख नेता बने।

राम जन्म भूमि आंदोलन

लालकृष्ण आडवाणी का नाम राम जन्म भूमि आंदोलन से भी जुड़ा है। यह आन्दोलन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में जन समर्थन को जुटाने के उद्देश्य से 1990 के दशक में आडवाणी ने राम रथ यात्रा निकाली। यह यात्रा बहुत ही सफल मानी जाती है, इसी आन्दोलन ने BJP को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख राजनीतिक ताकत बना दिया।

उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री

1998 में जब भाजपा के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो लाल कृष्ण आडवाणी को पहले गृहमंत्री और फिर बाद में उप-प्रधानमंत्री बनाया गया। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कड़ी नीतियां अपनाई।

लेखन और साहित्य

लाल कृष्ण आडवाणी राजनेता होने के साथ-साथ एक लेखक भी रहे हैं उन्होंने अपनी आत्मकथा “माई कंट्री माई लाइफ” लिखी जो वर्ष 2008 में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक में उन्होंने अपने जीवन और राजनीतिक यात्रा के अनुभवों को लोगों के साथ साझा किया।

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निष्कर्ष

लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्ति हैं जिन्होंने बीजेपी को भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व क्षमता, संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक समझ ने उन्हें भारतीय राजनीति के विशेष नेताओं में शामिल किया। राम जन्म भूमि आंदोलन से लेकर गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल तक का राजनीतिक सफर भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

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