पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

पर्यावरण संरक्षण : पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है चारों युग का वातावरण जिसमें हम सब साथ लेते हैं इसके अंतर्गत वायु, जल, धरती, ध्वनि यदि संयुक्त पूरा प्राकृतिक वातावरण आता है।

पर्यावरण संरक्षण

आज हमारी सबसे बड़ी समस्या यही है कि जिस पर्यावरण में हमारा जीवन फलता है, प्रदूषित होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है अंधाधुन वैज्ञानिक प्रगति। अधिक उत्पादन की होड़ में अत्यधिक कल-कारखाने लगा दिया गया। कारखानों के द्वारा उत्पादित रसायन कचरा और मशीनों से उत्पन्न शोर हमारे पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं परमाणु ऊर्जा के प्रयोग से आकाश में व्याप्त ओजोन की गैस की परत में छेद कर दिया।

कारण

प्रदूषण के अनेक प्रकार है उनमें कुछ मुख्य प्रदूषण इस प्रकार है वायु प्रदूषण, आज हमारे महानगरों की वायु पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है। तेल से चलने वाले बहनों और बड़े-बड़े कारखानों के कारण वायु में विषैलेंद्र तत्व घुमिल हो गए हैं जिस कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगे हैं। समाचार पत्र पर निबंध

दूसरा बड़ा कारण

जनसंख्या विस्फोट, अत्यधिक जनसंख्या को आश्रय देने के लिए वनों का कट काटना आवश्यक हो गया है इससे भी पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा।

जल प्रदूषण

फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित कचरा के कारण ना केवल नदी नाले प्रदूषण हो चुके हैं बल्कि भूमिगत जल भी दूषित होने लगा है। जिन क्षेत्रों में फैक्ट्रियां अधिक है वहां पर धरती से लाल काला जल बाहर निकलता है।

ध्वनि प्रदूषण

आज फैक्ट्री में मशीनों से, वाहनों से तथा आनंद उत्सव में इतना अधिक शोर होने लगा है कि लोग बहरे होने लगे हैं। शोर तनाव को भी बढ़ता है।

पर्यावरण संरक्षण किस प्रकार संभव है

प्रदूषण की रोकथाम का उपाय लोगों के हाथ में है। इसे जन चेतना से रोका जा सकता है। यदि सरकार भी जनहित में उपाय कर रही है जैसे हरियाली की बढ़ावा देना, दूषित जल और कचरे का उचित संसाधन करना, शोर पर नियंत्रण करना। यह उपाय सरकार और जनता दोनों को अपनाना चाहिए। हर व्यक्ति इन पहलुओं पर ध्यान दे तभी निवारण संभव है।

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